Tuesday, January 1, 2019

मायावती की कांग्रेस को चेतावनी- दलितों के केस वापस न हुए तो समर्थन

बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की मुखिया मायावती ने मध्य प्रदेश और राजस्थान में नवनिर्वाचित कांग्रेस सरकारों को चेतावनी दी है कि अगर अप्रैल 2018 के भारत बंद के दौरान जातिगत और राजनीतिक द्वेष से फंसाए गए लोगों केस वापस हीं लिए गए तो बीएसपी को मध्य प्रदेशन और राजस्थान की सरकारों को बाहर से समर्थन करने के फैसले पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है. इन दोनों राज्यों में भारत बंद के दौरान हिंसा और गिरफ्तारियों की सबसे ज्यादा खबरे आईं थी.

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा है कि मध्य प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी की नई सरकारों को किसानों और बेरोजगारों के हितों में तत्काल सार्थक कदम उठाने की जरूरत है. एससी/एसटी कानून 1989 और सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन में आरक्षण की पूर्ण रूप से बहाली की मांग को लेकर 2 अप्रैल 2018 को किए गए भारत बंद के दौरान बीजेपी शासित राज्यों में से मध्य प्रदेश और राजस्थान में जातिगत व राजनीतिक द्वेष की भावना के तहत की गई कार्रवाई में निर्दोष लोगों को फंसाया गया. इसलिए उनके ऊपर चल रहे मामलों को वहां की नई कांग्रेस सरकारों को तुरंत वापस लेकर उन्हें खत्म करना चाहिए. अन्यथा बीएसपी को इनको बाहर से समर्थन देने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है.

गौरतलब है कि एससी/एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पूरे देश में दलित संगठनों द्वारा भारत बंद का आह्वान किया गया था. इस बंद का सबसे ज्यादा असर मध्य प्रदेश और राजस्थान में पड़ा था. जहां दलितों के खिलाफ सर्वण संगठनों के लोग भी सड़क पर उतर आए थे. इस दौरान कई जगहों से हिंसा और आगजनी की खबरें भी आईं और प्रशासन ने कई गिरफ्तारियां भी दीं. अब इन राज्यों में बदलते राजनीतिक माहौल में बीएसपी सुप्रीमो मायावती कांग्रेस को बाहर से दे रहे समर्थन की दुहाई दे रही हैं.

बता दें कि 11 दिसंबर को विधानसभा चुनावों के नतीजों में कांग्रेस पार्टी मध्य प्रदेश और राजस्थान में बहुमत से चंद कदम दूर रह गई थी. जहां 230 सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस 114 सीटों पर जीती, वहीं 200 सदस्यीय राजस्थान में 99 सीट पर जीत हासिल कर पाई थी. ऐसे में कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए निर्दलियों और क्षेत्रीय दलों पर आश्रित होना पड़ा था. नतीजों के बाद बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस सरकारों को बाहर से समर्थन देने की घोषणा की थी. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में बीएसपी के 2 और राजस्थान में बीएसपी के 6 विधायक जीते थे.

2019 का आगाज होते ही लोकसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. राजनीतिक पार्टियां अब आम चुनाव को देखते हुए अपने कदम को आगे बढ़ी रही हैं. उत्तर प्रदेश की वीआईपी लोकसभा सीटों में से अमेठी पर भी सभी की नजरें हैं. यहां से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सांसद हैं. 4 जनवरी को राहुल गांधी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी दोनों ही यहां का दौरा करेंगे. बता दें कि 2014 में स्मृति ईरानी ने यहां से लोकसभा चुनाव लड़ा था. अब दोनों एक साथ यहां का दौरा कर रहे हैं ऐसे में ये टक्कर दिलचस्प हो सकती है.

भारतीय जनता पार्टी अमेठी को लेकर लगातार अपनी सक्रियता दिखाती रही है. पिछले 15 दिनों में स्मृति का यह दूसरा दौरा है. इससे पहले वह अमेठी को 77 करोड़ योजनाओं की सौगात दे चुकी हैं और उन्होंने यहां नवोदय विद्यालय में रोजगार मेले का शुभारंभ भी किया था.

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