Sunday, March 31, 2019

राहुल गाँधी बदले-बदले से नज़र आते हैं !

जब इंदिरा गाँधी कांग्रेस की अध्यक्ष बनी थीं तो वो सिर्फ़ 42 साल की थीं. संजय गांधी ने जब अपना पहला चुनाव लड़ा था तो वो मात्र 30 साल के थे. राजीव गाँधी जब राजनीति में आए थे तो उन्होंने अपने जीवन के सिर्फ़ 36 वसंत देखे थे.

राहुल जब पहली बार 2004 में राजनीति में आए तो वो भारतीय राजनीति के मानकों के हिसाब से 'बच्चे' ही थे, हालाँकि उस समय उनकी उम्र 34 साल की हो चुकी थी.

दिलचस्प बात ये है कि राजनीति में डेढ़ दशक से भी अधिक समय बिता देने और चालीस की उम्र पार कर जाने के बावजूद उन्हें 'बच्चा' ही समझा जाता रहा.

लेकिन, जब 2008 में एक इंटरव्यू में बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने राहुल को 'बच्चा' कह कर ख़ारिज करने की कोशिश की तो उन्होंने उसका अच्छा प्रतिवाद भी किया और कहा- "अगर मैं उनकी नज़र में 'बच्चा' हूँ तो आप इसे पसंद कीजिए या नापसंद , भारत की 70 फ़ीसदी आबादी भी 'बच्चा' है."

भारतीय राजनीति में अभी भी युवा होने को नादानी से जोड़ कर देखा जाता है. लेकिन, भारतीय राजनीति पर पैनी नज़र रखने वाले पंडित मानेंगे कि राहुल गांधी उस 'लेबल' से अब बाहर निकल आए हैं और 2019 के लोकसभा चुनाव में शीर्ष पद के दावेदार हैं.

राहुल गाँधी का राजनीतिक बपतिस्मा अपनी दादी इंदिरा गाँधी को देखते-देखते हुआ. 19 जून, 1970 को राहुल के जन्म के कुछ दिनों बाद इंदिरा गाँधी ने अमरीका में रह रही अपनी दोस्त डोरोथी नॉर्मन को लिखा, "राहुल की झुर्रियाँ ख़त्म हो गईं हैं लेकिन उसकी 'डबल चिन' अब भी बरकरार है."

इंदिरा गांधी की जीवनी लिखने वालीं कैथरीन फ़्रैंक लिखती हैं, "बचपन से ही प्रियंका और राहुल अक्सर सुबह उनके निवास के लॉन में होने वाले दर्शन दरबार में उनके साथ हुआ करते थे. इस दरबार में वो आम लोगों से मिलती थीं. रात में भी वो इन दोनों को अक्सर अपने ही शयन-कक्ष में सुलाती थीं."

राहुल गांधी ने पहले दून स्कूल में पढ़ाई की और फिर इसके बाद दिल्ली के मशहूर सेंट स्टीफेंस कॉलेज में. इसके बाद वो अमरीका चले गए जहाँ उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के छात्र के रूप में दाख़िला लिया. सुरक्षा कारणों से उन्हें हार्वर्ड से हट कर विंटर पार्क, फ़्लोरिडा के एक कॉलेज में दाख़िला लेना पड़ा. वहाँ से उन्होंने 1994 में अंतरराष्ट्रीय संबंधों में डिग्री ली.

इसके बाद वो केंब्रिज विश्वविद्यालय के मशहूर ट्रिनिटी कॉलेज चले गए. वहाँ से उन्होंने 1995 में 'डेवलपमेंट स्टडीज़' में 'एमफ़िल' किया. इसके बाद वो लंदन में दुनिया में 'ब्रैंड स्ट्रेटेजी' की बड़ी कंपनी 'मॉनीटर ग्रुप' में नौकरी करने लगे. उन्होंने इस कंपनी में अपना नाम बदल कर तीन साल तक नौकरी की. जब तक वो वहाँ रहे उनके साथियों को इसकी भनक भी नहीं लग पाई कि वो इंदिरा गाँधी के पोते के साथ काम कर रहे हैं.

वर्ष 2002 में राहुल वापस भारत लौटे. उन्होंने कुछ लोगों के साथ मिल कर मुंबई में एक कंपनी शुरू की, 'बैकॉप्स सर्विसेज़ लिमिटेड.' वर्ष 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में दिए गए हलफ़नामे में उन्होंने साफ़ लिखा कि इस कंपनी में उनके 83 फ़ीसदी शेयर हैं.

2008 की गर्मियों में भारत के उस समय के सबसे बड़े बॉक्सिंग कोच और द्रोणाचार्य विजेता ओमप्रकाश भारद्वाज के पास भारतीय खेल प्राधिकरण की तरफ़ से एक फ़ोन आया. उनको बताया गया कि 10, जनपथ से एक साहब आपसे संपर्क करेंगे. कुछ देर बाद पी माधवन ने भारद्वाज को फ़ोन कर कहा कि राहुल गाँधी आपसे बॉक्सिंग सीखना चाहते हैं. भारद्वाज इसके लिए तुरंत राज़ी हो गए.

राहुल गांधी की जीवनी लिखने वाले जतिन गांधी बताते हैं, "जब फ़ीस की बात आई तो भारद्वाज ने सिर्फ़ ये मांग की कि उन्हें उनके घर से 'पिक' करा लिया जाए और ट्रेनिंग के बाद उन्हें वापस उनके घर छोड़ दिया जाए. भारद्वाज ने 12 तुग़लक लेन के लॉन पर राहुल गांधी को मुक्केबाज़ी की ट्रेनिंग दी. ये सिलसिला कई हफ़्तों तक चला, सप्ताह में तीन दिन."

इस दौरान कई बार सोनिया, प्रियंका और उनके बच्चे माएरा और रेहान भी राहुल को ट्रेनिंग करते देखने आते थे. भारद्वाज याद करते हैं कि वो जब भी राहुल को 'सर' या 'राहुल जी' कह कर संबोधित करते थे, तो वो उन्हें हमेशा टोक कर कहते थे कि वो उन्हें सिर्फ़ राहुल कहें. वो उनके छात्र हैं.

भारद्वाज बताते हैं, "एक बार मुझे प्यास लगी और मैंने पानी पीने की इच्छा प्रकट की. हालांकि, वहाँ कई नौकर मौजूद थे, लेकिन राहुल खुद दौड़ कर मेरे लिए पानी लाए. ट्रेनिंग ख़त्म हो जाने के बाद वो हमेशा मुझे गेट तक छोड़ने जाते थे."

बॉक्सिंग ही नहीं राहुल ने तैराकी, स्क्वॉश, पैराग्लाइडिंग और निशानेबाज़ी में भी महारत हासिल की. अब भी वो चाहे जितना व्यस्त हों, कसरत के लिए थोड़ा समय निकाल ही लेते हैं. अप्रैल, 2011 में मुंबई में खेले जा रहे विश्व कप मैच के दौरान राहुल अपने कुछ साथियों के साथ चौपाटी के न्यू यॉर्कर रेस्तराँ पहुंचे जहाँ उन्होंने पित्ज़ा, पास्ता और 'मेक्सिकन टोस्टाडा' का ऑर्डर किया.

रेस्तराँ के मैनेजर ने राहुल से खाने का बिल लेने से इनकार कर दिया लेकिन उन्होंने ज़ोर देकर 2223 रुपए का बिल चुकाया. अब भी राहुल दिल्ली की मशहूर ख़ान मार्केट में कभी-कभी कॉफ़ी पीने जाते हैं. आंध्र भवन की कैंटीन में भी उन्होंने कई बार दक्षिण भारतीय थाली का आनंद उठाया है.

मुंबई की अपनी एक दूसरी यात्रा के दौरान राहुल गाँधी ने अचानक सुरक्षा एजेंसियों और स्थानीय प्रशासन को धता बताते हुए वहाँ की मुंबई की 'लाइफ़ लाइन' कही जाने वाली लोकल ट्रेन से सफ़र करने का फ़ैसला लिया. उन्होंने बाकायदा प्लेटफ़ॉर्म पर ट्रेन का इंतज़ार किया.

रेलवे लाइन के बग़ल में और सामने के प्लेटफॉर्म पर खड़े हुए लोगों को 'वेव' किया. ट्रेन के अंदर भी उन्होंने एक दूसरे यात्री के साथ अपनी सीट 'शेयर' की, सामने की सीट पर बैठे लोगों से हाथ मिलाया और तमाम शोर के बीच एक मोबाइल कॉल भी 'रिसीव' किया. जब वो ट्रेन से उतरे तो उन्होंने वहाँ मौजूद मीडिया से एक शब्द बात नहीं की. बात यहीं पर ख़त्म नहीं हुई. वो एक एटीएम पर रुके और वहाँ से उन्होंने कुछ पैसे निकाले.

Tuesday, March 19, 2019

解读:我们为何对猫咪如此痴迷?

自猫咪录像在十多年前亮相互联网屏幕以来,形形色色的网红猫吸引了世界各地成千上万的观众。人们为什么会对猫如此痴迷呢?一位男士给出了答案。

美国威斯康星州密尔沃基的一个老电影院里座无虚席,我跟将近800位观众耐心等候着,影院里充斥着爆米花的香气,人们似乎在期盼一部刚刚发行的好莱坞大片的首映。

实际上,上映的是从互联网上下载编辑的猫咪录像片段,像故事片一样长。放映期间,观众席不时发出惊叹、感慨和欢笑。银幕上出现的不仅有猫咪的搞笑镜头,亦有令人深思的画面。

例如,一只双目失明的猫如何顽强生活,最终有了一个幸福家庭;还有一只猫不惧危险独自吓走一头棕熊…我不得不承认,观看期间我竟然几次落泪。

这个录像剪辑片是39岁的电影制作人威尔•布莱顿( Will Braden )的作品,他来自西雅图。

过去几年来,这位在猫录像世界里的领军人物浏览了数以万计的录像片,仅去年一年他就浏览了15-17万个猫录像。可以说,威尔本人也没想到自己的事业线会如此发展。要说他与猫咪录像的缘分可以回溯到2006年,当时他还是西雅图电影学院( The Seattle Film Institute )的学生。

焦虑之际,他被他正在照料的一只家庭宠物猫所吸引。"我想,或许我可以拍一下这只猫,如果模仿我们正在观赏的一些法国新浪潮老电影的风格来拍,再拍得滑稽一点,或许他们不会注意到我的片子没有严格按要求拍这件事。"

威尔家的这只猫叫"亨利",是一只长毛黑白礼服猫( tuxedo cat ),为了给猫片添加一抹法国风情,威尔将其题为 Henri le Chat Noir (黑猫亨利)。

这个小片拍摄了"亨利"的默片镜头,加上对环绕它的人类环境的颇具批判色彩的解说。在2007年,他将这个小片上传到YouTube,当时这个视频网站还在萌芽阶段,而当时也正是猫咪录像刚开始在互联网崭露头角的时期。

后来,又过了5年,威尔才拍摄了"亨利"续集 - Henri 2, Paw de Deux 。这是因为威尔在脸书(Facebook)上为"亨利"注册了一个帐户,"亨利"的粉丝们央求威尔拍个续集。

"我就拍了个新录像片,马上就走红了 - 差不多在四、五天内就有了一百万点击率。"威尔说。

2012年,在美国明尼阿波利斯市的沃克尔艺术中心( Walker Art Centre )举办了首届互联网猫录像艺术节( Internet Cat Video Festival ),威尔拍的亨利录像片收到数以千计的公众推荐而入选艺术节。

威尔出席了艺术节,但令他没想到的是,他最后竟然赢得"金猫"大奖( Golden Kitty )……想一下奥斯卡最佳影片奖!

这一大奖将"亨利"直接推上大众传媒的明星宝座。"亨利"不仅为威尔赢来一个出书交易,还得到一个猫粮公司的广告赞助。

现在"亨利"已经有些岁数了,去年它在YouTube上正式与它的粉丝们告别,光荣退休了。

但对威尔来说,猫咪录像仍然是他生活的重要部分。他开始帮助组织2014年的猫录像艺术节,2016年当沃克尔艺术中心停止主办这个艺术节之后,他独挑大梁继续主办这个艺术节。

他每天都在网上浏览世界各地上传的猫咪录像,发出作品委约,预订场地,并自己做市场推广。

2018年,他签了一个美国全国范围发行合同,使得猫录像艺术节的门票销售额直线上升。到2019年底,他拍摄的互联网猫咪录像剪辑片将在美国200多家电影院上映。票房所得的很大一部分将捐献给各个城市的猫庇护所。

在最初的几个月,就已经筹集了上万美元。其中一个发行人安德鲁•卡林( Andrew Carlin )说,仅仅在底特律的5场放映,票房就超过了37,000美元 -票房甚至击败了刚上映的好莱坞大片《神奇队长》 (Captain Marvel )。

"能在芝加哥或纽约布鲁克林这种时髦地区的电影院门票售罄,已经不容易。"威尔说,"但我们还在德克萨斯的卢博克和威斯康星的阿普尔顿又加映了三场。"

当谈到他太太的家人如何费劲地跟其他人解释他家女婿的不寻常职业时,威尔大笑起来。

猫咪录像在互联网上风行这种现象转眼已经十多年了,至今没有过气的迹象。这是为什么呢?我们为什么对猫的生活如此感兴趣呢?

"我们宠爱猫咪,但有时也想看看它们小倒霉一下。"威尔说。

他说,他曾经试图拍摄制作狗狗的类似录像,但完全没有同样效果。

"因为猫咪总是那么优雅,一副超然的样子,我们喜欢看到它们摔倒、失足掉落的样子,而当我们看到一条狗不小心摔倒或掉落,我们会担心:哎呀,它没伤着吧?"

威尔还认为,猫录像艺术节的成功其实是现在人们无穷尽观看大众传媒的副产品。

"如果你坐在那儿一口气看四个猫咪录像片,猜猜看下一步会发生什么。"他说,"这种电影节就会应运而生,你肯定会坐在观众席,这种以猫咪为主角的片子就会为你制作出来。"

回到密尔沃基的老电影院里,观众们情绪兴奋。观众里男女老少都有,有些人甚至把自己打扮成猫咪模样。

Wednesday, March 6, 2019

वीके सिंह का ट्वीट- रात 3.30 बजे मच्छर बहुत थे, मैंने हिट मारा; अब गिनती करूं या सो जाऊं

नई दिल्ली. एयर स्ट्राइक के दौरान पाक सीमा में मारे गए आतंकियों की संख्या पर विपक्ष सवाल उठा रहा है। इस पर विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने बुधवार को ट्वीट किया कि रात 3.30 बजे मच्छर बहुत थे, तो मैंने हिट मारा। अब मच्छर कितने मारे, ये गिनने बैठूं या आराम से सो जाऊं। इससे पहले मंगलवार को सिंह ने कहा था कि एयर स्ट्राइक में हमारी तरफ से 250 मौतों की बात कही जा रही है, वे सिर्फ बालाकोट में ही मारे गए। इसमें कहीं और के आंकड़े शामिल नहीं हैं। अमित शाह ने एयर स्ट्राइक में 250 से ज्यादा आतंकियो के मारे जाने का दावा किया था।

'विपक्षी नेताओं को प्लेन के नीचे बांध के ले जाएं'
सिंह ने यह भी कहा, "अगली बार जब भारत कोई कार्रवाई करे तो जो विपक्षी नेता प्रश्न उठाते हैं, उन्हें हवाई जहाज के नीचे बांध के ले जाएं। जब बम गिराया जाएगा तो उन्हें वहीं से टारगेट दिख जाएगा। इसके बाद उनको वहीं पर उतार दें। वे लोग टारगेट की जगहों को गिन लें और वापस आ जाएं।"

सिंह ने अपने ट्वीट पर कहा, "क्या आप मारे गए आतंकियों को गिन सकते हैं? बमों ने इमारतों को निशाना बनाया। क्या 1000 किलो बमों के धमाके से मौतें नहीं होंगी? अगर मौतें हुईं तो आप उसका अनुमान लगा सकते हैं। मुझे नहीं पता कि कौन इसकी गिनती कर सकता है। इस तरह की बातें करना दुर्भाग्यशाली है।"

पुलवामा हमला दुर्घटना है: दिग्विजय
दिग्विजय सिंह ने पुलवामा हमले को 'दुर्घटना' बताया। उन्होंने ट्वीट किया, ''एयर स्ट्राइक पर विदेशी मीडिया में संदेह पैदा किया जा रहा है, जिससे हमारी सरकार की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिह्न लग रहा है।'' इससे पहले दिग्विजय ने कहा था कि तकनीक के दौर में किसी कार्रवाई की तस्वीरें सैटेलाइट से मिल सकती हैं। लिहाजा सरकार को सबूत देना चाहिए। अमेरिका ने लादेन को मारने का सबूत पेश किया था।

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को कहा, पुलवामा हमले में आतंकवादियों ने हमारे जवानों की नृशंस हत्या की। दिग्विजय आतंकी हमले को घटना बता रहे हैं, उनसे आप क्या उम्मीद करेंगे। ये वही हैं, जो जाकिर नाइक को मानवता की मूर्ति बताते हैं। ये वही हैं जो ओसामाजी और हाफिज सईद साहब कहते हैं।

प्रसाद ने कहा, ''राजनीति करने वालों को इतनी भी तमीज नहीं है कि जवानों की हत्या पर इस तरह से बयान न दें। दिल्ली में बाटला हाउस में दिल्ली के जवान मोहन शर्मा को मारा गया था। दिग्विजय आजमगढ़ गए थे और कहा था कि आतंकवादियों को सिर में गोली लगी थी। कांग्रेस के 10 साल मुख्यमंत्री रहे हैं, वह इस तरह के सवाल कर रहे हैं तो क्या कहा जाए?''

मध्यप्रदेश के मंत्री गोविंद सिंह ने कहा, "दिग्विजय ने जब भी कोई बात कही है, तो अभी कोई भले ही आलोचना करे, बात में वही बात सत्य निकलती है।"

教育部:不建议占用假期补课

  教育部应对新冠肺炎疫情工作领导小组 英国首相约 色情性&肛交集合 翰逊在感染新型冠 色情性&肛交集合 状病毒康复两 色情性&肛交集合 周后, 色情性&肛交集合 将回到唐宁街继续 色情性&肛交集合 他的全职 色情性&肛交集合 领导工作。 在首相生病期 色情性&肛交集合 间...