Thursday, November 22, 2018

अभिनय के लिहाज से कैसी है पंकज त्रिपाठी और अली फजल की मिर्जापुर?

अभिनय के लिहाज से मिर्जापुर बढ़िया वेब सीरीज है. कई कलाकारों का काम तो चौंकाने वाला है. खासकर अली फजल और दिव्येंदु शर्मा का अभिनय. मिर्जापुर को अगर इन दोनों के काम के लिए याद किया जाए तो कुछ गलत नहीं होगा.

वेब सीरीज में गुड्डू पंडित के रूप में अली फजल का लुक कहानी और किरदार के मुताबिक ही है. वो बहुत मासूम और सीधा है, संकोची है, लड़कियों से शर्माता भी है और उसमें बचपना कूटकूटकर भरा है. उसके सपने एक औसत बच्चे की तरह हैं. उसे लगता है कि कब उसे साइकिल से छुटकारा मिलेगा? मिस्टर पूर्वांचल का खिताब उसके लिए जैसे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है जिसे हासिल करना है.

लेकिन उसके अंदर अजीब सी बेचैनी भी है. उसे देखकर पता नहीं चलता कि एक पल में वो कैसे एक दुनिया से निकल कर दूसरी दुनिया में पहुंच जाता है. बिना बात लोगों की जान लेने वाला गुड्डू पंडित, स्वीटी के सामने नर्वस हो जाता है, अपने दिल की बात नहीं बोल पाता. पिता से झगड़ पड़ता है पर मां के लिए पता नहीं कितना प्यार उसके सीने में है. जैसे वो सारा शहर मां के लिए खरीदना चाहता है. वो चाहता है सारा शहर उसकी मां की इज्जत करे. क्राइम के वक्त वो इतना क्रूर नजर आता है कि कई सीन्स में उसे देखना डर को महसूस करना है. हालांकि ज्यादातर हिस्सों में वह एक ही मूड में नजर आता है जो उसके किरदार को पूरी तरह उभारने में जर्क की तरह नजर आता है. हालांकि यह गलती अली फजल की नहीं है. उन्हें जैसी कहानी और सीन्स मिले उसे पूरी शिद्दत से उन्होंने जिया है.

बबलू पंडित के किरदार में विक्रांत मैसी भी जंचे हैं. उनकी आंखों में संकोच, डर और गुस्सा किरदार के मुताबिक ही है. उन्हें कहानी में जितना स्पेस मिला उसे बढ़िया कर गए हैं.  

दिव्येंदु ने किरदार के हर रंग को जिया

मुन्ना त्रिपाठी के रूप में दिव्येंदु के अभिनय को देखकर लोगों को ताज्जुब होगा. मुन्ना हद तक क्रूर और व्यभिचारी है जो घर की नौकरानी पर हवस मिटाता है. जैसे वो बिस्तर पर अपने खिलाफ उठ रही हर आवाज को मिर्जापुर में रौंदना चाहता है. वो इतना आततायी है कि जूते पर पेशाब का छींटा पड़ने भर से किसी को भी बेदर्दी से मरवा देता है. यहां तक कि मिर्जापुर का किंग बनने के लिए उसे अपने पिता की जान लेने में भी कोई संकोच नहीं.

लेकिन दिल उसके अंदर भी है. जब पिता की हत्या की कोशिश में उसका सबसे करीबी दोस्त पकड़ा जाता है और खुद उसे दोस्त की जान लेनी पड़ती है, मुन्ना टूट जाता है. दिव्येंदु ने इस सीन में कमाल की एक्टिंग की हैं. मुन्ना के किरदार ने दिव्येंदु ने सभी रंग दिखाने की कोशिश की है.

शुभ्रज्योति सबसे परफेक्ट

रति के रूप में शुभ्रज्योति का किरदार भले ही छोटा है पर अभिनय, स्थानीय संवाद और लुक के मामले में वो सीरीज में सबसे परफेक्ट दिखते हैं. इसीलिए हर सीन में वो काफी जंचे भी हैं. उन्हें देखकर एक पल भी नहीं लगता कि रति, मिर्जापुर या जौनपुर का माफिया नहीं हैं.

रसिका दुग्गल ने भी कालीन भैया की दूसरी व्याहता के रूप में अच्छा काम किया है. हालांकि रसिका के किरदार की कुंठा पहले सीजन में पूरी तरह उभर कर सामने नहीं आ पाती. जबकि वो पति के पुरुषत्व से परेशान है, अपनी संतुष्टि के लिए घर से नौकर से नाजायज संबंध बनाने पड़ते हैं. जो नौकरानी राधिका से मुन्ना त्रिपाठी के पुरुषत्व के किस्से सुनकर तृप्त होना चाहती है.

रसिका के अलावा वसुधा के किरदार में शीबा चड्ढा, स्वीटी (श्रिया), गोलू और डिम्पी (हर्षिता गौर) का किरदार भी बढ़िया है. मकबूल, किन्नर, यादव जी, गुप्ता जी, एसपी मौर्या, रधिया और दूसरे तमाम किरदार निभाने वाले कलाकारों का काम भी अपनी जगह ठीक ठाक ही है.

教育部:不建议占用假期补课

  教育部应对新冠肺炎疫情工作领导小组 英国首相约 色情性&肛交集合 翰逊在感染新型冠 色情性&肛交集合 状病毒康复两 色情性&肛交集合 周后, 色情性&肛交集合 将回到唐宁街继续 色情性&肛交集合 他的全职 色情性&肛交集合 领导工作。 在首相生病期 色情性&肛交集合 间...