भारतीय वायुसेना के सूत्रों ने बीबीसी को बताया है कि भारतीय वायुसेना के विमानों ने नियंत्रण रेखा पार करके कई निशानों पर हवाई हमले किए हैं.
वायुसेना के अधिकारियों ने बीबीसी संवाददाता जुगल पुरोहित को इस कार्रवाई की जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार तड़के अंबाला से कई मिराज विमान उड़े और बिना अंतरराष्ट्रीय सीमा का उल्लंघन किए, निश्चित लक्ष्यों पर बम बरसाए.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "देश की रक्षा के लिए बहुत ज़बरदस्त क़दम उठाया है सेना ने और सेना को इस तरह का क़दम उठाने की छूट प्रधानमंत्री मोदी जी ने दी थी. अब सेना के पीछे पूरा देश खड़ा है".
उन्होंने कहा, "पुलवामा में हमला करने वाले आतंकियों को 100 घंटे के भीतर मार गिराया गया, पाकिस्तान का मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लिया गया, भारत के हिस्से का पानी पाकिस्तान को न देने का निर्णय लिया गया, उसके बाद अब यह कार्रवाई की गई है."
विमानों ने एलओसी को पार किया और नियंत्रण रेखा के नज़दीक बालाकोट नाम के एक क़स्बे पर बम गिराए.
वायु सेना के अधिकारियों ने बताया कि ये सारा अभियान आधे घंटे में पूरा हुआ. विमान तीन बजे तड़के उड़े और साढ़े तीन बजे तक सभी विमान सुरक्षित लौट आए.
इससे पहले पाकिस्तानी सेना ने सुबह कहा था कि भारतीय वायुसेना ने भारत-पाक नियंत्रण रेखा (एलओसी) का उल्लंघन किया है और पाकिस्तान की सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश की.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने वायुसेना को बधाई देते हुए ट्वीट किया है - "मैं भारतीय वायुसेना के पायलटों को सलाम करता हूँ."
पाक सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्वीट किया कि मुज़फ़्फ़राबाद सेक्टर से भारतीय विमानों ने घुसपैठ की कोशिश की, जिसके बाद पाकिस्तानी सेना ने त्वरित कार्रवाई की है.
उन्होंने ट्वीट किया, "भारतीय विमानों ने मुज़फ़्फ़राबाद सेक्टर से घुसपैठ की. पाकिस्तानी वायु सेना की तरफ़ से तत्काल और प्रभावी कार्रवाई की गई जिसके बाद वो भागने लगे."
"भागते हुए उन्होंने हड़बड़ा कर कुछ बम गिराए जो बालाकोट के नज़दीक गिरे. इसमें कोई नुक़सान या कोई हताहत नहीं हुआ है."
पाकिस्तान ने ये दावा ऐसे वक़्त में किया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच पुलवामा हमले को लेकर तनाव की स्थिति है.
14 फ़रवरी को हुए हमले के बाद भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सुरक्षाबलों को ख़ुली छूट दे दी गई है.
वहीं पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा था कि अगर पाकिस्तान पर हमला होता है तो पाकिस्तान भी जवाबी कार्रवाई करेगा.
Monday, February 25, 2019
Wednesday, February 20, 2019
सुप्रीम कोर्ट में 26 फरवरी को होगी सुनवाई, छुट्टी से लौटे जस्टिस बोबडे
अयोध्या. अयोध्या विवाद पर सुनवाई करने वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ में शामिल जस्टिस एसए बोबडे छुट्टी से लौट आए हैं। ऐसे में अब इस केस की सुनवाई की तारीख 26 फरवरी तय की गई है। यह सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट के सितंबर 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर होनी है। इससे पहले मामले में 29 जनवरी को सुनवाई होनी थी, लेकिन उस दिन जस्टिस बोबडे उपलब्ध नहीं थे। इस कारण उस दिन सुनवाई टल गई थी।
10 जनवरी को पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने इस मामले पर सुनवाई शुरू की थी। इसमें जस्टिस यूयू ललित के अलावा, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एनवी रमण और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ शामिल थे। लेकिन, कोर्ट में सुनवाई शुरू होते ही सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन ने पांच जजों की बेंच में जस्टिस यूयू ललित के होने पर सवाल उठाया। इसके बाद जस्टिस ललित खुद ही बेंच से अलग हो गए।
25 जनवरी को नई बेंच बनाई गई थी
विवाद के बाद चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने 25 जनवरी को अयोध्या विवाद की सुनवाई के लिए बेंच का पुनर्गठन किया। इसमें जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर को शामिल किया गया। नई बेंच में चीफ जस्टिस ने जस्टिस एनवी रमण को शामिल नहीं किया। अब नई बेंच में चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एसए नजीर शामिल हैं।
क्या था इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला?
हाईकोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने 30 सितंबर, 2010 को 2:1 के बहुमत वाले फैसले में कहा था कि 2.77 एकड़ जमीन को तीनों पक्षों- सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला में बराबर-बराबर बांट दिया जाए। इस फैसले को किसी भी पक्ष ने नहीं माना और उसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। शीर्ष अदालत ने 9 मई 2011 को इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट में यह केस पिछले आठ साल से लंबित है।
पुलवामा हमले के छह दिन बाद सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बिन सऊद भारत दौरे पर आए हैं। वे इससे पहले पाकिस्तान गए थे। वहां उन्होंने पाकिस्तान के साथ 20 अरब डॉलर (करीब 1 लाख 43 हजार करोड़ रुपए) का करार किया था। सऊदी अरब पाकिस्तान को पहले से ही छह अरब डॉलर (करीब 43 हजार करोड़ रुपए) का कर्ज दे चुका है। पाक प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ क्राउन प्रिंस ने जो संयुक्त वक्तव्य जारी किया, उसमें उन्होंने भारत-पाक को संवेदनशील मुद्दों पर आपस में वार्ता करने का सुझाव दिया था।
सऊदी भारत का चौथा सबसे बड़ा कारोबारी पार्टनर
सऊदी अरब भारत का चौथा सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार है। 2017-18 के दौरान दोनों देशों के बीच 1.95 लाख करोड़ का सालाना कारोबार हो रहा था। सऊदी अरब भारत की कुल जरूरत का 17% कच्चा तेल और 32% एलपीजी मुहैया करा रहा है।
10 जनवरी को पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने इस मामले पर सुनवाई शुरू की थी। इसमें जस्टिस यूयू ललित के अलावा, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एनवी रमण और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ शामिल थे। लेकिन, कोर्ट में सुनवाई शुरू होते ही सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन ने पांच जजों की बेंच में जस्टिस यूयू ललित के होने पर सवाल उठाया। इसके बाद जस्टिस ललित खुद ही बेंच से अलग हो गए।
25 जनवरी को नई बेंच बनाई गई थी
विवाद के बाद चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने 25 जनवरी को अयोध्या विवाद की सुनवाई के लिए बेंच का पुनर्गठन किया। इसमें जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर को शामिल किया गया। नई बेंच में चीफ जस्टिस ने जस्टिस एनवी रमण को शामिल नहीं किया। अब नई बेंच में चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एसए नजीर शामिल हैं।
क्या था इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला?
हाईकोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने 30 सितंबर, 2010 को 2:1 के बहुमत वाले फैसले में कहा था कि 2.77 एकड़ जमीन को तीनों पक्षों- सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला में बराबर-बराबर बांट दिया जाए। इस फैसले को किसी भी पक्ष ने नहीं माना और उसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। शीर्ष अदालत ने 9 मई 2011 को इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट में यह केस पिछले आठ साल से लंबित है।
पुलवामा हमले के छह दिन बाद सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बिन सऊद भारत दौरे पर आए हैं। वे इससे पहले पाकिस्तान गए थे। वहां उन्होंने पाकिस्तान के साथ 20 अरब डॉलर (करीब 1 लाख 43 हजार करोड़ रुपए) का करार किया था। सऊदी अरब पाकिस्तान को पहले से ही छह अरब डॉलर (करीब 43 हजार करोड़ रुपए) का कर्ज दे चुका है। पाक प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ क्राउन प्रिंस ने जो संयुक्त वक्तव्य जारी किया, उसमें उन्होंने भारत-पाक को संवेदनशील मुद्दों पर आपस में वार्ता करने का सुझाव दिया था।
सऊदी भारत का चौथा सबसे बड़ा कारोबारी पार्टनर
सऊदी अरब भारत का चौथा सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार है। 2017-18 के दौरान दोनों देशों के बीच 1.95 लाख करोड़ का सालाना कारोबार हो रहा था। सऊदी अरब भारत की कुल जरूरत का 17% कच्चा तेल और 32% एलपीजी मुहैया करा रहा है।
Thursday, February 7, 2019
हिमाचल-उत्तराखंड में भारी बारिश की आशंका, रात में हुई बर्फबारी; मप्र में ओले गिरे
पहाड़ी राज्य हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बुधवार को बर्फबारी दो दिन से बर्फबारी हो रही है। निजी वेबसाइट स्काइमेट ने हिमाचल और उत्तराखंड में बादल फटने की आशंका जताई। जम्मू-कश्मीर में गुरुवार को हुई ताजा बर्फबारी और भूस्खलन के चलते जम्मू-श्रीनगर हाइवे लगातार दूसरे दिन भी बंद है। वहीं, मध्यप्रदेश में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हुई और ओले गिरे।
जम्मू-कश्मीर
भारी बर्फबारी की वजह से श्रीनगर एयरपोर्ट से गुरुवार को कई उड़ानें रद्द कर दी गईं। गोएयर और इंडिगो एयरलाइंस की सभी उड़ान, स्पाइसजेट की दो, एयरएशिया की एक और सेना के एक चार्टर्ड विमान की उड़ान को रद्द किया गया। उधर, रामसू-रामबन सेक्टर में भूस्खलन और बनिहाल में बर्फबारी के कारण जम्मू-श्रीनगर हाइवे बंद कर दिया गया है। इसकी वजह से घाटी में खाने-पीने की चीजों की कीमतें आसमान छू रही हैं।
मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश में ग्वालियर के 20, सतना के चार गांवों में ओले गिरने और गुना, भिंड और भोपाल में बारिश होने से हवा में ठंडक घुल गई। मौसम वैज्ञानिक पीएन बिरवा के मुताबिक, उत्तर भारत में बने पश्चिमी विक्षोभ को बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से भी नम हवाएं मिलकर और प्रभावी बना रही हैं। राजस्थान के आसपास हवा का चक्रवाती घेरा बना हुआ है। इससे मौसम में तेजी से बदलाव हुआ है।
हिमाचल-उत्तराखंड
हिमाचल प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में गुरुवार को हल्की से मध्यम बारिश हो रही है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में घने बादल छाए हैं। चंबा जिला प्रशासन ने लोगों को पहाड़ी ढलानों में न जाने की सलाह दी है।मौसम विभाग का आज पहाड़ों पर भारी बर्फबारी का अनुमान है। मनाली स्थित स्नो एंड एवालांच स्टडी एस्टैबलिशमेंट ने पांच जिलों- चंबा, लाहौल-स्पीति, शिमला, किन्नौर और कुल्लू में हिमस्खलन की चेतावनी जारी की है। स्काईमेट का अनुमान है कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से बाढ़ जैसी स्थिति भी बन सकती हैं।
उत्तरप्रदेश
उत्तरप्रदेश के तराई वाले इलाकों में गुरुवार सुबह बारिश हुई। अनुमान है कि शुक्रवार को भी राज्य के कई हिस्सों में बारिश हो सकती है। कुछ स्थानों पर ओले भी गिर सकते हैं।
हरियाणा
कुरुक्षेत्र, अम्बाला, यमुनानगर, पंचकूला और चंडीगढ़ में गुरुवार सुबह 6 बजे से तेज बारिश हुई। कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, जींद, अम्बाला और पंचकूला में कुछ स्थानों पर ओले गिरे। पानीपत, करनाल में बूंदाबांदी हुई। शुक्रवार तक मौसम ऐसा ही रहने का अनुमान है। राज्य के कुछ हिस्सों में शुक्रवार और शनिवार को गहरी धुंध छा सकती है। 15 और 16 फरवरी को फिर एक बार बरसात के आसार हैं।
फिर शीत-लहर का अनुमान
पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़ और उत्तरी राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश सहित कई राज्यों में 8 और 9 फरवरी से शीतलहर चल सकती है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसे में इन राज्यों में ठंड फिर से लौट सकती है।
जम्मू-कश्मीर
भारी बर्फबारी की वजह से श्रीनगर एयरपोर्ट से गुरुवार को कई उड़ानें रद्द कर दी गईं। गोएयर और इंडिगो एयरलाइंस की सभी उड़ान, स्पाइसजेट की दो, एयरएशिया की एक और सेना के एक चार्टर्ड विमान की उड़ान को रद्द किया गया। उधर, रामसू-रामबन सेक्टर में भूस्खलन और बनिहाल में बर्फबारी के कारण जम्मू-श्रीनगर हाइवे बंद कर दिया गया है। इसकी वजह से घाटी में खाने-पीने की चीजों की कीमतें आसमान छू रही हैं।
मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश में ग्वालियर के 20, सतना के चार गांवों में ओले गिरने और गुना, भिंड और भोपाल में बारिश होने से हवा में ठंडक घुल गई। मौसम वैज्ञानिक पीएन बिरवा के मुताबिक, उत्तर भारत में बने पश्चिमी विक्षोभ को बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से भी नम हवाएं मिलकर और प्रभावी बना रही हैं। राजस्थान के आसपास हवा का चक्रवाती घेरा बना हुआ है। इससे मौसम में तेजी से बदलाव हुआ है।
हिमाचल-उत्तराखंड
हिमाचल प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में गुरुवार को हल्की से मध्यम बारिश हो रही है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में घने बादल छाए हैं। चंबा जिला प्रशासन ने लोगों को पहाड़ी ढलानों में न जाने की सलाह दी है।मौसम विभाग का आज पहाड़ों पर भारी बर्फबारी का अनुमान है। मनाली स्थित स्नो एंड एवालांच स्टडी एस्टैबलिशमेंट ने पांच जिलों- चंबा, लाहौल-स्पीति, शिमला, किन्नौर और कुल्लू में हिमस्खलन की चेतावनी जारी की है। स्काईमेट का अनुमान है कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से बाढ़ जैसी स्थिति भी बन सकती हैं।
उत्तरप्रदेश
उत्तरप्रदेश के तराई वाले इलाकों में गुरुवार सुबह बारिश हुई। अनुमान है कि शुक्रवार को भी राज्य के कई हिस्सों में बारिश हो सकती है। कुछ स्थानों पर ओले भी गिर सकते हैं।
हरियाणा
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फिर शीत-लहर का अनुमान
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